शेयर बाज़ार में आपका पैसा रुका हुवा हैं तो विष्णु दशावतार स्तोत्र का पाठ आपका रुका हुवां धन दिला सकता हैं । विष्णु का जगत में जो नियोग हैं । एक के बाद एक अवतार ये एक शेयर या अंश की तरह हैं । जो निरंतर विकसित क्रम मैं हैं । मतलब एक अवतार के बाद एक अवतार विकसित क्रम में, निरंतर विकास की और ।
में शेयर बाज़ार से दुरी बनाए रखने में ही भलाई समझता था । इसके पांच पाठ रोज़ाना के बाद मेने DMAT अकाउंट खुलवाया और उसी समय (2009) COAL INDIA का आफर बाज़ार में आया हुआ था । मैंने पैसे लगाए और लाभ प्राप्त किया और सभी ने इसमें लाभ प्राप्त किया था ।
॥ विष्णु दशावतार स्तोत्र ॥
ॐ आदाय वेदान सकलान समुद्रान्निहत्यम शंखं रिपुमत्य उग्रं ।
दप्ताय पूरा येन पितामहाय विष्णुम तमाद्य भज मत्स्यरूपम ॥
दिव्यामृतार्थ मथिते महाब्धौ देवासुरेर्वासुकी मंदराद्यै:।
भुमेर्महावेग विघुर्णितायास्त कुर्ममाधारगतम् स्मरामि ॥
समुद्रकांची सरिदुत्तरिया वसुंधरा मेरुकिरीटभारा ।
दंष्ट्राग्रतो येन समुधृता भूस्तामादिकोलम शरणम प्रपद्ये ॥
भक्तार्तिभंगक्षमया धिया य: स्तम्भान्तरालादूदितो नृसिंहम ।
रिपुसुराणा निशितैर्नखाग्रेर्विदारयंत न च विस्मरामि ॥
चतुसमुद्राभरणाधरीत्री न्यासाय नालं चरणस्य यस्य ।
एकस्य नान्यस्य पदम् सुराणा त्रिविक्रमं सर्वगतम नमामि ॥
त्रि:सप्तकृत्वो नृपतिन्निहत्य यस्तर्पणं रक्तमय पितृभ्यं:।
चकार दोर्दंडबलेन सम्यक तमआदिशूर प्रणमामी रामम ॥
कुले रघुणा समवाप्य जन्म विधाय सेतुम जल्धेर्जलांत: ।
लंकेश्वरं य: समयांचकार सीतापतिम तं प्रणमामि भक्त्या ॥
हलेन सर्वानसुराननिकृश्य चकार चूर्ण मुसल प्रहारै: ।
य: कृष्णमासाध्य बलम बलियान भक्त्या भजे तम बलभद्र रामम ॥
पूरासुराणामसुरन्विजेतूं समभावयनछ्रीवर चिन्हवेशम ।
चकार य: शास्त्रममोघकल्पम तम मुल्भूतम प्रणतोस्मि बुद्धम् ॥
कल्पावसाने निखिल: सुरै: स्वै: संघट्टयामास निमेषमात्रात् ।
यस्य तेजसा स्वेन ददाह भीमो विष्णवात्मकं तं तुरंग भजाम् ॥
शंखम सुचक्रं सुगदाम् सरोजम् दोर्भिर्दधानम् गरुडाधिरूढम् ।
लक्ष्मीवत्स चिन्हम् जगदादिमूलं तमालनीलं हृदि विष्णुमीडे ॥
क्षीराम्बुधो शेषविशेषकल्पे श्यानमन्त: स्मित्शोभीवक्त्रं ।
उत्फुल्लनेत्राम्बुजमम्बुदाभमाद्यं श्रुतीनामसकृत्स्मरामि ॥
प्रीणयेदनया स्तुत्या जगन्नाथं जगन्मयम् ।
धर्मार्थ काम मोक्षाणामाप्तये पुरुषोत्तमम् ॥
इस स्तोत्र से आपको पूर्वजो की सम्पति भी प्राप्त हो सकती हैं । या कोई रिश्तेदार आपके नाम अपनी कुछ सम्पति या सारी सम्पति कर सकता हैं ।
बुधवार से शनिवार इस स्तोत्र का पाठ नील वस्त्र पहन कर करें बाकी रवि, सोम और मंगल को श्वेत वस्त्र पहन कर इस स्तोत्र का पाठ करें ।
ॐ आदाय वेदान सकलान समुद्रान्निहत्यम शंखं रिपुमत्य उग्रं ।
दप्ताय पूरा येन पितामहाय विष्णुम तमाद्य भज मत्स्यरूपम ॥
दिव्यामृतार्थ मथिते महाब्धौ देवासुरेर्वासुकी मंदराद्यै:।
भुमेर्महावेग विघुर्णितायास्त कुर्ममाधारगतम् स्मरामि ॥
समुद्रकांची सरिदुत्तरिया वसुंधरा मेरुकिरीटभारा ।
दंष्ट्राग्रतो येन समुधृता भूस्तामादिकोलम शरणम प्रपद्ये ॥
भक्तार्तिभंगक्षमया धिया य: स्तम्भान्तरालादूदितो नृसिंहम ।
रिपुसुराणा निशितैर्नखाग्रेर्विदारयंत न च विस्मरामि ॥
चतुसमुद्राभरणाधरीत्री न्यासाय नालं चरणस्य यस्य ।
एकस्य नान्यस्य पदम् सुराणा त्रिविक्रमं सर्वगतम नमामि ॥
त्रि:सप्तकृत्वो नृपतिन्निहत्य यस्तर्पणं रक्तमय पितृभ्यं:।
चकार दोर्दंडबलेन सम्यक तमआदिशूर प्रणमामी रामम ॥
कुले रघुणा समवाप्य जन्म विधाय सेतुम जल्धेर्जलांत: ।
लंकेश्वरं य: समयांचकार सीतापतिम तं प्रणमामि भक्त्या ॥
हलेन सर्वानसुराननिकृश्य चकार चूर्ण मुसल प्रहारै: ।
य: कृष्णमासाध्य बलम बलियान भक्त्या भजे तम बलभद्र रामम ॥
पूरासुराणामसुरन्विजेतूं समभावयनछ्रीवर चिन्हवेशम ।
चकार य: शास्त्रममोघकल्पम तम मुल्भूतम प्रणतोस्मि बुद्धम् ॥
कल्पावसाने निखिल: सुरै: स्वै: संघट्टयामास निमेषमात्रात् ।
यस्य तेजसा स्वेन ददाह भीमो विष्णवात्मकं तं तुरंग भजाम् ॥
शंखम सुचक्रं सुगदाम् सरोजम् दोर्भिर्दधानम् गरुडाधिरूढम् ।
लक्ष्मीवत्स चिन्हम् जगदादिमूलं तमालनीलं हृदि विष्णुमीडे ॥
क्षीराम्बुधो शेषविशेषकल्पे श्यानमन्त: स्मित्शोभीवक्त्रं ।
उत्फुल्लनेत्राम्बुजमम्बुदाभमाद्यं श्रुतीनामसकृत्स्मरामि ॥
प्रीणयेदनया स्तुत्या जगन्नाथं जगन्मयम् ।
धर्मार्थ काम मोक्षाणामाप्तये पुरुषोत्तमम् ॥
इस स्तोत्र से आपको पूर्वजो की सम्पति भी प्राप्त हो सकती हैं । या कोई रिश्तेदार आपके नाम अपनी कुछ सम्पति या सारी सम्पति कर सकता हैं ।
बुधवार से शनिवार इस स्तोत्र का पाठ नील वस्त्र पहन कर करें बाकी रवि, सोम और मंगल को श्वेत वस्त्र पहन कर इस स्तोत्र का पाठ करें ।
स्वप्न संकेत
इसमें आपको स्वप्न में आपका बड़ा भाई या दोस्त जो आपसे उमर में बड़ा हो अपना स्तंभित लिंग हाथ में लियें दिखाई देगा । यह शेयर बाज़ार में लाभ सम्बंधी स्वप्न में संकेत हैं । ये जूंआ, सट्टा और लाटरी के द्वारा भी धन प्राप्ति का संकेत हैं ।
इसमें आपको स्वप्न में आपका बड़ा भाई या दोस्त जो आपसे उमर में बड़ा हो अपना स्तंभित लिंग हाथ में लियें दिखाई देगा । यह शेयर बाज़ार में लाभ सम्बंधी स्वप्न में संकेत हैं । ये जूंआ, सट्टा और लाटरी के द्वारा भी धन प्राप्ति का संकेत हैं ।