पुत्र प्राप्ति यन्त्र
कार्तिकेय जी
मंत्र
।। ॐ ह्रीं सुपुत्रौद्ऽभवाय नमः ।।
जप २० - २५ बार रोजाना पर (किसी अन्य देवता के मंत्र चित्र आदि के दर्शन ना करें)
(घी का दीप ५ मिनिट तक जलाना हैं ।)
यह यन्त्र मेरे गुरूजी से मुझे जैसे प्राप्त हुवा था वेसे ही में यहाँ दे रहा
हु । मेरे विवाह के बाद मेने इसका प्रयोग किया था । इसको
मैंने प्रिंटर से प्रिंट से करके एक ताक में रख दिया । और खाली १० ११ बार नित्य
मंत्र का जप कर लेता ।कोई अगरबत्ती कोई दीपक नहीं लगाया । न ही २०-२५ दिन किसी अन्य देवता की उपसाना की
या उनके मंदिर गया । २ माह बाद स्वप्न में मुझे एक पेड़ पर एक सर्प और एक मोर साथ
में दिखे । मुझे अनुमान था की यह किस बात का प्रतीक हैं यह आप के घर में किसी स्त्री के गर्भ में पुत्र संतान होने के
बारे में स्वप्न में संकेत था । (पुत्र प्राप्ति सम्बन्धी एक यन्त्र इस तरह का भी
हैं जिसमे एक षट्कोण के उपर सर्प बना हुआ हैं और निचे एक मोर । तो सीधा ही ये
संकेत मेरे स्वप्न आ गया था ।)
और फिर गर्भकाल पूरा होने पर मुझे एक पुत्र की
प्राप्ति हुई ।
अस्तु !!!
इसको घर में कोई भी कर सकता हैं । क्योकि घर में
अगर कोई छोटा बालक आता हैं तो वो सभी के लियें पुत्र समान ही होता हैं ।
क्योकि जो इस यन्त्र का प्रयोग करता हैं उसकी
दृष्टि से दीक्षित हो कर पुत्र जन्म हो जाता हैं । इसमें जरुरी ये हैं की जो यह
प्रयोग करें और जिसको बालक होना हैं, उनकी कम से कम दृष्टि तो आपस में मिलती रहनी
चाहिए ।
1. इस प्रयोग में प्रथम 15 दिन ब्रह्मचर्य रखना हैं ।
2. पति और पत्नी को एक दिन छोड़कर एक दिन सेव खानी हैं । या रोजाना खा सकतें हैं । अपनी पाचन शक्ति का ध्यान रखें ।