शत्रुंजय यन्त्र
सौन्दर्य लहरी में दिया गया शत्रुंजय यन्त्र
इस यन्त्र के बारे में मेरा इतना ही कहना हैं |
कदाचित इस यन्त्र का प्रयोगमैंने जीवन में पहले कर लिया होता तो जिस प्रतिशोध की ज्वाला मे, में 15 वर्ष तक जलता रहां वह बहुत पहले ही शांत हो गई होती | खैर जब मैंने इस यन्त्र का प्रयोग किया तो शत्रु बड़ी बाधा एवं कठिनाइयों में व्यस्त हो चूका था उसकी किसी अन्य से शत्रुता हो कर मार पीट वाली स्थितियांबन चुकी थी |करीब डेढ़ वर्ष पश्चात वापस शत्रु से त्रस्त हों कर मैंने इस यन्त्र का प्रयोग किया इस बार उसका वाहन सड़क पर किसी पत्थर से टकरा गया और उसका एक हाथ टूट चूका था |इस यन्त्र को किसी भी स्याही से कार्ड पेपर पर बना लिजियें और नित्य इसके सामने एक बार शत्रु नाश की कामना करियें आप को करीब पांच दिनों तक सिर्फ इसी पर अपना ध्यान केन्द्रित करना हैं | यदि आप सही हूएं तो शत्रु का नाश निश्चित हैं | आप इसके सामने एक दीप जला सकतें हैं और उसे आप अपनी जेब में भी रख सकतें हैं | इसें किसी अंगूठी पर बनवा कर मध्यमा या अनामिका में पहना जा सकता हैं | इसके सामने आप कोई भी शत्रु नाशक मंत्र का जप कर सकते हैं या नहीं भी करें तो भी कोई बात नहीं हैं |इसमें दियें गयें बीज मंत्र को भी आप बदल सकतें हैं जैसे हनुमान मंत्र या किसी अन्य देवी देवता का मंत्र या उनके अस्त्र शस्त्र को भी बना सकतें हैं |एक विशेष बात यह ध्यान में रखने की यह हैं की इसके प्रयोग की सफलता के लियें आपकी और शत्रु की दृष्टि एक बार मिलनी चाहियें या शत्रु एक बार आपको देंख लें चाहें आप उसको देखें ना देखें |इस यन्त्र की यह विशेषता हैं की इसको धारण करने के बाद इसके धारक में एक विशेष आत्मबल एवं शक्ति संचार होता हैं | उसकी मुख मुद्रा और चाल निडर और सिहों जैसी हो जाती हैं | मन शांत हो जाता हैं | यह यन्त्र ना सिर्फ शत्रु नाश के लियें बहुत उत्तम हैं बल्कि शांति के लियें भी जरुरी है | यह हर सदगृहस्थ के लियें एक आवश्यकयन्त्र हैं |